एक लेखक तभी लिखता है जब समाज या तो उसे स्वीकार करे या उस नकार दे ( तब वो समाज से लड़ता है ) परन्तु अगर समाज उसे स्थान ही न दे तो क्या ..... ? समाज में स्थान तभी मिलता है जब पाठकों तक लेखक की बात पहुंचे जिसके लिए लेखक को कोई न कोई माध्मम चाहिए। लेखक की बात पाठकों तक पहुँचाने के माध्यम पहले भी थे और आज भी हैं, फिर भी क्यों हिंदॶ लेखकों को उतने पाठक नहीं मिल पाते जितने की अंग्रेजी लेखकों को ?All Rights Reserved